बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज और गिरफ्तारी को लेकर आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल रहे। वहीं प्रदर्शन के दौरान अचानक हरीश रावत की तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद एंबुलेंस में चिकित्सकों द्वारा उनका परीक्षण किया गया।
बीते रोज बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज और गिरफ्तारी को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर जमकर हमला बोला है।हरीश रावत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, ‘सरकार तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाए हुए है, जबकि बेरोजगार युवाओं की छोटी सी मांग है कि जब तक पेपर लीक मामले में की जांच नहीं हो जाती तब तक उत्तराखंड सरकार परीक्षाओं को रद्द करें, लेकिन सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और अपनी मनमानी कर रही है।’ हरीश रावत ने कहा कि सरकार गिरफ्तार किए गए बेरोजगारों को रिहा कर उनसे वार्ता करें और जो भी उनके हक में हो, वैसा फैसला करें।
‘फिर से होगी परीक्षा, अभ्यर्थियों को नहीं होगी असुविधा’
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि, हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हित चाहते हैं। इसीलिए जिन भी परिक्षाओं में गड़बड़ियां पाई गईं, राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल रद्द करते हुए नई तिथि घोषित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि, अभ्यर्थियों को असुविधा ना हो, इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निशुल्क व्यवस्था की गयी है और परीक्षा शुल्क को भी नहीं लिया जाएगा।’
सीएम धामी की ‘नकल अध्यादेश’ पर हामी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, ‘नकल अध्यादेश को लेकर हमने कहा था कि इसे हम जरूर लेकर आएंगे। लेकिन किन्हीं कारणों से कैबिनेट होने में देरी हो गयी। कैबिनेट न होने के बावजूद हमने नकल विरोधी अध्यादेश को राज्यपाल के पास भेज दिया है। यह भी तय कर दिया है कि अब जितनी भी परीक्षाएं होंगी वो सभी इस अध्यादेश के तहत होंगी। सबसे सख्त कानून जो हो सकता है, वो हमने बनाने का काम किया है। इस कानून के तहत आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने के सख्त प्रावधान किए गए हैं।’