तेज़ धार वाले मांझे ने एक और मासूम की जान ले ली। मामला देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) का है। यहां के पश्चिम विहार इलाके (Paschim Vihar) में एक दंपत्ति अपनी 7 साल की बच्ची के साथ बाइक पर जा रहा थाा। इसी दौरान तेज़ धार वाला पतंग का मांझा (kite string) बच्ची के गले में फंस गया (stuck in child’s neck)। इससे बच्ची का गला कट गया (throat slit) और जबतक उसे अस्पताल ले जाया जाता, तबतक उसकी मौत हो गई। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में लापरवाही का केस दर्ज कर पड़ताल शुरु कर दी है।
19 जुलाई को पश्चिम विहार में हुए इस हादसे ने संदीप की दुनिया उजाड़ दी। संदीप के छोटी सी मासूम बच्ची बेमौत मारी गयी। पुलिस ने भले ही इस मामले में IPC की धारा 304A/188 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी हो, लेकिन, कुछ सवालों के जवाब तलाशे जाने बाकी हैं। सवाल ये कि तेज़ धार वाले मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद ये बाज़ार में चोरी-छिपे कैसे बेचे जा रहे हैं? प्लास्टिक और नायलॉ़न से बने इन चीनी मांझों की बिक्री करने वाले वालों पर नकेल क्यों नहीं कसी जा रही? पुलिस इस तरह के मांझे का इस्तेमाल करने वालों को कानून के तहत दंडित क्यों नहीं करती?