Saturday, July 27, 2024
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Delhi floods: डूब गया लाल किला और आईटीओ, सैलाब के सितम से निकले लोगों के आंसू, जानिए अगले 48 घंटे क्यों हैं दिल्ली पर भारी

देश की राजधानी, देश की शान, देश का अभिमान, आज पानी-पानी है। लिखने और बोलने में खराब भी लग रहा है। लेकिन, हकीकत यही है कि दिल्ली (Delhi) के निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं। सिर्फ हथिनीकुंड बैराज (Hathinikund Barrage) से छोड़े गए पानी की वजह से नहीं, बल्कि खराब ड्रेनेज व्यवस्था (Drainage System), प्रशासन की लापरवाही और दिल्ली के दिलवालों की करतूतों के चलते दिल्ली के ज़्यादातर इलाके जलमग्न हो चुके हैं। यमुना नदी (Yamuna River) उफन रही है और नाले भी गंदगी के साथ हिचकोले मार रहे हैं। नतीजा ये कि, अधिकारियों को 16 जुलाई तक सभी स्कूलों (School) और कॉलेजों (College) को बंद करने और गैर-आवश्यक सेवाओं में लगे ट्रकों (heavy goods vehicles) के दिल्ली प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यही नहीं, शहर में पीने के पानी की कमी हो गई है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स, वजीराबाद (Wazirabad), चंद्रावल (Chandrawal) और ओखला (Okhla) को बंद करने का फैसला किया गया है। इस जल आपूर्ति में 25 प्रतिशत की कटौती होगी और दिल्ली वालों को पीने के पानी के संकट से दो चार होना पड़ सकता है। 
दिल्ली के संत परमानंद अस्पताल में घुसा पानी

अभी दिल्ली में बढ़ सकता है बाढ़ का पानी?

गुरुवार को तीन घंटे तक यमुना का जलस्तर स्थिर रहा, लेकिन शाम 7 बजे तक ये फिर से बढ़कर 208.66 पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से तीन मीटर ऊपर है। सचिवालय (secretariat) सहित दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में गुरुवार को बाढ़ आ गई, जहां मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों के कार्यालय हैं। बाढ़ का पानी सिविल लाइंस इलाके के कुछ हिस्सों तक भी पहुंच गया, जहां दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena), मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और कुछ कैबिनेट मंत्रियों के आवास स्थित हैं। अधिकारियों को बचाव और राहत के काम में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने गुरुवार को कहा कि, आईटीओ बैराज के पांच गेट यमुना के पानी के प्रवाह को बाधित कर रहे हैं। दिल्ली सचिवालय के पास बैराज के निरीक्षण के दौरान भारद्वाज ने कहा कि, 32 में से पांच गेट गाद जमा होने के कारण जाम हैं, जिससे नदी के पानी की त्वरित निकासी में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा, "हम इन गेटों को खोलने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। गेटों के आसपास की गाद को हटाने के लिए कोंडली प्लांट से एक कंप्रेसर लाया गया है। अगर गेट नहीं खुलते हैं, तो गैस कटर का इस्तेमाल किया जाएगा।" 
लोगों के घरों में घुसा पानी

दिल्ली में सैलाब पर सियासी महाभारत

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती (Somnath Bharti) ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें एक सूखी नहर दिखाई दे रही है और उन्होंने बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार (Haryana Govt) पर हथिनीकुंड बैराज से बाढ़ के पानी को दिल्ली की ओर मोड़ने का आरोप लगाया। हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने गुरुवार को कहा कि, 'बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने से बड़ा नुकसान हो सकता है। जब बाढ़ या भारी बारिश होती है तो हम बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ते हैं तो बड़ी क्षति हो सकती है।' वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री ज़िम्मेदारी से भाग जाते हैं। वो हमेशा दूसरों पर दोष मढ़ने का काम करते हैं। यही नहीं अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि केजरीवाल को अपने शीशमहल से निकलने की फुर्सत भी नहीं है। 
लाल किले में बाढ़ का पानी

गीता कॉलोनी से लाल किले तक पानी ही पानी

उफनती यमुना नदी (Yamuna River) के पानी ने गुरुवार को दिल्ली के कई हिस्सों में पानी भर दिया, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यमुना नदी का पानी  ITO की मुख्य सड़क पर पहुंच गया। बाढ़ का पानी कई सरकारी दफ्तरों तक पहुंच गया है। दिल्ली के मेटकाफ रोड स्थित सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां भर्ती 40 मरीजों, जिनमें तीन वेंटिलेटर पर हैं, उन्हें LNJP अस्पताल भेज दिया गया। यमुना नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण, शमशान घाट, गीता कॉलोनी से पुराने लोहे के पुल, गांधी नगर तक पुस्ता रोड पर यातायात को स्वामी दयानंद मार्ग और फिर जीटी रोड तक पहुंचने के लिए राजा राम कोहली मार्ग या मास्टर प्लान रोड की ओर मोड़ दिया गया है। यमुना के बढ़ते जल स्तर के कारण एहतियात के तौर पर ट्रेनें (Metro) नदी पर बने सभी चार मेट्रो पुलों से 30km प्रति घंटे की प्रतिबंधित गति से गुजर रही हैं। हालांकि, सभी रुट्स पर मेट्रो सेवाएं सामान्य हैं। 
दिल्ली की सड़कों पर सैलाब का कब्ज़ा

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