दिल्ली की एक अदालत ने शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish sisodia) की न्यायिक हिरासत ED और CBI से संबंधित अपने आदेश में सोमवार को संशोधन किया। अदालत ने अब सीबीआई मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 27 अप्रैल और ईडी मामले में 29 अप्रैल तक बढ़ा दी है। अदालत ने इससे पहले सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सिसोदिया की हिरासत एक मई तक बढ़ा दी थी। कोर्ट ने ईडी के वकील की दलीलों पर भी गौर किया कि एजेंसी इस महीने के अंत तक चार्जशीट (अभियोजन शिकायत) दाखिल करने जा रही है। सीबीआई भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोपों की जांच कर रही है, जबकि ईडी अब रद्द किए जा चुके आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के पहलू की जांच कर रही है।

सिसोदिया ने आबकारी विभाग (Excise Department) का नेतृत्व किया, जिस पर एक नई शराब नीति तैयार करने और लागू करने में अनियमितता करने का आरोप है। इसके तहत कुछ विक्रेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाया गया था। दिल्ली की नई शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने की आबकारी नीति कुछ डीलरों का पक्ष लेती है, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। इस आरोप का AAP ने जोरदार खंडन किया था। बाद में नीति को रद्द कर दिया गया।

सीबीआई ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी तलब किया, जहां उनसे शराब नीति मामले में गवाह के तौर पर करीब 9 घंटे तक पूछताछ की गई। केजरीवाल ने कहा कि,
"सीबीआई ने मुझसे कुल 56 सवाल पूछे। सीबीआई की पूछताछ 9.5 घंटे तक चली। मैंने सभी सवालों के जवाब दिए। पूरा कथित शराब घोटाला झूठी और घटिया राजनीति है। आप 'कट्टर ईमानदार पार्टी' है। वो आप को खत्म करना चाहते हैं लेकिन देश की जनता हमारे साथ है।''