खुद को अल्पसंख्यक बताकर मलाई खाने वाले और समाज में कट्टरपंथ व नफरत का ज़हर घोलने वालों की एक और घिनौनी करतूत सामने आई। हरियाणा (Haryana ) के मेवात (Mewat) में भगवा जुलूस (Procession) निकालना तथाकथित शांतिप्रिय समुदाय के कुछ लोगों को इतना नागवार गुज़रा की उन्होंने गाड़ियों में आग (Car Fire) लगा दी, तोड़फोड़ की (Ransacked), सड़क पर गदर काटा और तनाव की स्थिति पैदा कर दी। खबरों के मुताबिक इस हिंसा में हरियाणा होमगार्ड के दो जवान मारे गए, जबकि 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। मारे गए होम गार्ड्स के नाम नीरज और गुरुसेवक हैं। दोनों गुरुग्राम के खेरकी दौला पुलिस स्टेशन में कार्यरत थे। घायलों में होडल के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) सज्जन सिंह को कथित तौर पर सिर में और एक इंस्पेक्टर को पेट में गोली भी लगी है।
हरियाणा के नूंह में बजरंग दल ने एक शोभायात्रा (Procession of Bajrang Dal in Nuh) निकाली थी। लेकिन, इस शोभायात्रा के दौरान पत्थर फेंकने में मास्टर्स की डिग्री हासिल कर चुके कुछ मुस्लिम युवकों ने हमला कर दिया (Muslims pelted stones at the procession)। भगवा से चिढ़ने वाले इन कट्टरपंथियों ने पत्थरबाज़ी शुरु कर दी। हालांकि, हिंदू समुदाय ने भी पत्थरबाज़ी का माकूल जवाब दिया। उन्होंने भी पत्थर का जवाब पत्थर से दिया। जानकारी के मुताबिक इसकी वजह से कई लोग जख्मी हो गए। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस आपसी संघर्ष में फायरिंग भी हुई (Firing also took place in the struggle)। मौके पर पुलिस पहुंच गई और मामला शांत करने की कोशिश करने लगी। आपको बता दें कि मेवात हरियाणा के संवेदनशील इलाकों में से एक है। यहां गौ तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं जिसपर हिंसा भी हुई है।
मेवात में हुई हिंसा पर छातीकूट गैंग के सदस्य ये ज़रूर कहेंगे कि हिंदुओं ने शोभायात्रा के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाए होंगे जिसकी वजह से मुस्लिम भाइयों को गुस्सा आ गया। लेकिन, सवाल ये है कि इस तरह का गुस्सा हिंदुओं को क्यों नहीं आता, जब तमिलनाडु में एक मुस्लिम नेता माता सीता के आपत्तिनजक पोस्टर लगाता है, जब केरल में मुस्लिम समाज के लोग हिंदुओं के खिलाफ नारेबाज़ी करते हैं, जब दिल्ली में ताज़िए के दौरान पुलिस और राहगीरों पर पत्थर बरसाए जाते हैं। इतना गुस्सा मुस्लिम समाज के लोगों के अंदर ही क्यों है, ऐसा उनपर कौन सा अत्याचार हो रहा है। इन सवालों के जवाब देने के बजाए छातीकूट गैंग के स्वघोषित महाज्ञानी कुछ नहीं बोलेंगे, क्योंकि उनकी नज़रों में एक समुदाय कुछ भी कर सकता है, लेकिन उसका बहुसंख्यक प्रतिकार भी नहीं कर सकता। वैसे फिलहाल नूंह में भारी पुलिस बल की तैनाती है, इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जबकि 2 अगस्त तक मोबाइल सेवा बंद रहेगी।