कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। पुलिस प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने गई थी। इस दौरान आग लगने से 44 साल की प्रमिला दीक्षित और उनकी 19 साल की बेटी नेहा की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि मां-बेटी ने आग खुद लगाई, अगर ये सच है भी तो फिर सवाल ये भी है कि वहां मौजूद प्रशासन की टीम ने उन्हें बचाया क्यों नहीं?
घटना मैथा तहसील के मड़ौली गांव की है। जानकारी के मुताबिक प्रशासन की टीम ग्राम समाज की सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को हटाने के लिए गई थी। टीम को देखते ही महिला और उनकी बेटी ने खुद को अपनी झोपड़ी में कैद कर लिया। कुछ देर बात वहां आग लग गई और दोनों की जलकर मौत हो गई।
हैरानी की बात ये है कि वहां मौजूद लोग उन्हें बचाने के बजाय वीडियो बनाते रहे। आरोप तो यहां तक लग रहे हैं कि आग प्रशासन के लोगों ने ही लगाई है और आग लगाने के साथ-साथ बुलडोजर भी चला दिया।
मां-बेटी की जलकर मौत की खबर इलाके में फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और हंगामा शुरू हो गया। खबर है कि लोगों ने अधिकारियों पर हमला बोल दिया। अफसरों ने भागकर अपनी जान बचाई। गांव में पुलिस तैनात किए जाने के बाद भी हंगामा इतना बढ़ गया कि परिजनों ने पुलिस को शव उठाने नहीं दिया। ADG कानपुर जोन आलोक सिंह, SP बीबीजीटीएस मूर्ति ने अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों और परिवारवालों को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भरोसा दिलाया।
SDM पर मर्डर का केस दर्ज
परिजनों की शिकायत पर SDM मैथा ज्ञानेंश्वर प्रसाद, रुरा के SHO दिनेश गौतम, लेखपाल अशोक सिंह समेत 39 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मगर परिजन इतने भर से मानने को तैयार नहीं है। अबतक परिजनों और ग्रामीणों ने शवों को उठाने नहीं दिया है। ग्रामीण और परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है।