टीपू सुल्तान पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील के बयान के बाद कर्नाटक में विवाद खड़ा हो गया है, जहां उन्होंने कहा था कि, ‘टीपू सुल्तान के उत्साही अनुयायियों को इस उपजाऊ भूमि पर जीवित नहीं रहना चाहिए’। उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। इस बीच AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयान पर प्रतिक्रिया दी है। असदुद्दीन ओवैसी ने गुस्से में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि
”मैं टीपू सुल्तान का नाम ले रहा हूं, देखते हैं आप क्या करते हैं। क्या कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष ने जो कहा है उससे पीएम सहमत हैं? यह हिंसा, हत्या और नरसंहार का खुला आह्वान है। क्या कर्नाटक में भाजपा सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी? यह नफरत है।”
कर्नाटक के येलाबुर्गा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने टीपू सुल्तान के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि,
''हम भगवान राम और भगवान हनुमान के भक्त हैं। हम प्रार्थना करते हैं और भगवान हनुमान को नमन करते हैं और हम टीपू के वंशज नहीं हैं। टीपू के वंशजों को वापस घर भेज दें। मैं यहां लोगों से पूछता हूं कि आप हनुमान जी की पूजा करते हैं या टीपू की। तो क्या आप टीपू के कट्टर अनुयायी लोगों को जंगल भेज देंगे? मैं एक चुनौती जारी कर रहा हूं - जो लोग टीपू के कट्टर अनुयायी हैं, उन्हें इस उपजाऊ भूमि पर जीवित नहीं रहना चाहिए।''
मध्यकालीन इस्लामवादी अत्याचारी टीपू सुल्तान ने हजारों हिंदुओं को बलपूर्वक इस्लाम में परिवर्तित किया। पिछली सिद्धारमैया सरकार ने लगातार दो साल तक टीपू सुल्तान की जयंती मनाई थी। लेकिन, बीजेपी ने सत्ता में लौटने के बाद इन समारोहों को रद्द कर दिया और लगातार इस्लामवादी अत्याचारी की प्रशंसा करने पर सवाल उठाती रही है।