MANIPUR:मणिपुर में150-200 लोगों की भीड़ ने कांगला किले (Kangla Fort) के पास दो वाहनों में आग लगा दी और पुलिस (Police) से हथियार छीनने की भी कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा बलों (Security Forces) को भीड़ पर गोली चलानी पड़ी। हालांकि, किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। जुलाई में अबतक हुई हिंसा की वजह से 10 लोगों की मौत हो चुका है।
इससे पहले शुक्रवार को बिष्णुपुर (Bishnupur) ज़िले के मोइरंग तुरेल में कथित उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में पुलिस कमांडो के सिर में गोली लग गई। अस्पताल ले जाने के दौरान कमांडो रणबीर ने दम तोड़ दिया। यही नहीं बिष्णुपुर और चुराचांदपुर (ChuraChandpur) ज़िले की सीमा पर कुकी (Kuki) और मैतेई (Maitei) गुट के लोगों के बीच फायरिंग (Firing) हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें 3 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक नाबालिग लड़का भी था।
मणिपुर मुद्दे पर अमेरिका के बयान पर घमासान
मणिपुर के मुद्दे पर अमेरिका (America) ने अपनी नाक घुसेड़ने की कोशिश की। भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी (Eric Garcetti) ने कहा कि, अगर भारत मदद की अपील करता है तो हम उसके लिए तैयार हैं। गार्सेटी ने कहा कि, ये भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन हम जल्द से जल्द शांति की उम्मीद करते हैं। हमें लोगों की चिंता है। अमेरिकी राजदूत के इस बयान पर कांग्रेस (Congress) सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने पलटवार किया। मनीष तिवारी ने कहा कि, हमारे मामलों में कोई दूसरा दखलअंदाज़ी ना करे। उन्होंने अमेरिका में 'गन कल्चर' और नस्लीय दंगों की याद दिलाते हुए अमेरिका को जमकर लताड़ लगाई।