शराब नीति के मामले में सीबीआई (CBI)दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से पूछताछ कर रही है, हालांकि इस पेशी को मनीष सिसोदिया ने एक पॉलिटिकल इवेंट बना दिया। पेशी से पहले सिसोदिया राजघाट गए, वहां गांधी जी को श्रद्धांजलि दी और फिर कार्यकर्ताओं के बड़े हुजूम के साथ या यूं कहें रोड शो कहते हुए सीबीआई दफ्तर पहुंचे। रोड शो में आम आदमी पार्टी ने खूब विक्टिम कार्ड खेला।
जैसे ही सिसोदिया सीबीआई के दफ्तर के अंदर गए, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दफ्तर के पास ही धरने पर बैठ गए और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन बढ़ता देख पुलिस ने धारा 144 लगा दी।
पुलिस ने दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय और सांसद संजय सिंह समेत कई समर्थकों को हिरासत में लिया। पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
सिसोदिया ने सीबीआई दफ्तर पहुंचने से पहले समर्थकों को संबोधित किया, उन्होंने खुद को शहीद भगत सिंह का अनुयायी बताया और कहा कि वो देश के लिए शहीद हो गए थे, ऐसे झूठे आरोपों के लिए जेल जाना तो बहुत छोटी चीज है। इस दौरान डिप्टी सीएम ने बच्चों से कहा कि मेहनत के पढ़ाई करना। उन्होंने कहा कि ये मत समझना की शिक्षा मंत्री मनीष चाचा जेल चले गए तो छुट्टी हो गई, छुट्टी नहीं होने वाली। उतनी मेहनत करना जितनी हमें उम्मीद है। मन लगाकर पढ़ना। अगर पता चला कि हमारे बच्चों ने लापरवाही की तो मुझे खराब लगेगा। अगर मुझे पता चलेगा तो मैं खाना छोड़ दूंगा।
शराब घोटाला केस की पूरी कहानी समझिए
- केजरीवाल सरकार ने नवंबर 2021 में नई शराब नीति लागू की
- 22 जुलाई 2022 को उप राज्यपाल ने भ्रष्टाचार की शिकायत की
- डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की
- नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने का आरोप
- भ्रष्टाचार के आरोपों का ये मामला ED और CBI के पास पहुंचा
- ED ने CBI ने शराब लॉबी से मिलीभगत और रिश्वत के साथ अनियमितताओं की बात मानी
- शराब लाइसेंस फीस माफ या कम करके अनुचित लाभ देने के आरोप लगे
- शराब फर्मों का इस प्रक्रिया में 12% लाभ कमाने की बात सामने आई
- मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया
- अक्टूबर 2022 को इस केस में CBI ने सिसोदिया से करीब 9 घंटे पूछताछ की थी