Sunday, September 8, 2024
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Chirag vs Pashupati: बिहार में सीट शेयरिंग पर जंग। चिराग और पशुपति की लड़ाई से एनडीए की मुसीबत बढ़ी। क्या वाकई भतीजे ने दे दी है चाचा को मात?

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। लेकिन, बिहार (Bihar) में बीजेपी (BJP) या कहें NDA अब भी सीट बंटवारे को लेकर माथापच्ची कर रही है। दरअसल, दिक्कत ना तो जेडीयू (JDU) के साथ है और ना ही बीजेपी के साथ। बल्कि, दिक्कत है लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं चिराग पासवान (Chirag Paswan) के चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras)। दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस इस बात से नाराज़ हैं कि बीजेपी बिहार में चिराग पासवान की LJP(R) को ज्यादा तवज्जो दे रही है। पशुपति पारस बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व से इस बात से नाराज़ हैं कि चिराग पासवान की पार्टी को उनके मुकाबले कम सीटें दी जा रही हैं। 
हालांकि, बिहार में NDA ने अभी तक सीट शेयरिंग का फॉर्मुला फिक्स नहीं किया है। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने चिराग पासवान की पार्टी को 5 सीटें देने का फैसला किया जा चुका है। जबकि, चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को सिर्फ एक सीट मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं। यही नहीं कहा तो यहां तक जा रहा है कि चिराग पासवान को रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की परंपरागत सीट रही हाजीपुर (Hajipur) भी दी जाएगी। इन्हीं बातों ने पशुपति पारस को इस कदर परेशान कर दिया कि उन्होंने बीजेपी के खिलाफ बगावती सुर भी छेड़ दिए। जबकि, दूसरी तरफ चिराग पासवान फूले नहीं समा रहे। उनके चेहरे पर खुशी साफ नज़र आ रही है। भले ही आधिकारिक तौर पर अभी बिहार में लोकसभा सीटों को लेकर NDA ने कोई ऐलान नहीं किया गया हो, लेकिन चिराग पासवान की खुशी से लग रहा है कि उन्होंने सियासी खेल में आखिरकार अपने चाचा को मात दे दी है। 
लोक जन शक्ति पार्टी के संसदीय बोर्ड की शुक्रवार को बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद पशुपति पारस ने अपने भतीजे प्रिंस राज समेत पार्टी के एक और सांसद के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दो बातें साफ कर दीं। पहली ये कि वो हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। दूसरी ये कि अगर बीजेपी ने उन्हें कम सीटें दीं तो वो दूसरे विकल्प पर विचार कर सकते हैं। अब ये दूसरा विकल्प क्या होगा इसके बारे में तो पशुपति ने कुछ नहीं बताया। लेकिन, ये ज़रूर कहा कि उनके दरवाज़े खुले हैं और उनकी पार्टी कोई भी फैसला लेने को स्वतंत्र है। इस दौरान पशुपति पारस ने एक और बात कही जो ध्यान देने योग्य है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि, आपके सामने जो तीन सांसद हैं वो तो चुनावी मैदान में उतरेंगे ही। तो सवाल ये है कि क्या वो एक की जगह तीन सीट चाहते हैं? क्या है वो 5 सीटों की जगह 3 सीटों पर भी चुनाव लड़ने को तैयार हो सकते हैं? वैसे पशुपित पारस ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं। उन्होंने कहा है कि, सीटों का ऐलान होने के बाद ही वो आगे का फैसला लेंगे। 

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