Saturday, July 27, 2024
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Nitin Gadkari’s Big Announcement: ‘माल-पानी से नहीं मिलता वोट, चुनाव में अब नो बैनर-पोस्टर’, 2024 के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान

RAJASTHAN: अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आने वाले चुनाव (Election) के लिए बड़ा ऐलान (Big Announcement) किया है। नितिन गडकरी ने कुछ ऐसा कहा कि जो बोलने की हिम्मत बड़े से बड़े नेता नहीं कर पाते। उन्होंने दो टूक कहा कि अब अपने अगले चुनाव में वो कोई भी बैनर(Banner) और पोस्टर (Poster) नहीं लगवाएंगे। गडकरी ने इस ऐलान के पीछे का कारण भी बताया।

दरअसल गडकरी पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत (Former Vice President Bhairon Singh Shekhawat) की जयंती (Jubilee) के मौके पर एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान गडकरी ने कई दिलचस्प किस्से सुनाए तो कई बातें दो टूक कह दी। उन्होंने कहा कि आजकल लोग होशियार हो गए हैं। चुनाव के वक्त माल-पानी मिलता है तो रख लेते हैं। मगर पति एक को वोट (Vote) करता है और पत्नी दूसरे को। जबकि बेटा तीसरी तरफ ही चला जाता है। जबकि असल में वोट मिलता है, सेवा और विकास की राजनीति से (Politics of Development)। वोट गरीबों के कल्याण, स्वास्थ्य सुविधा, युवाओं को रोजगार और बच्चों को अच्छा स्कूल देने से मिलता है।

गडकरी बोले माल-पानी से नहीं मिलता वोट

न बैनर-पोस्टर लगाऊंगा, न चाय पिलाऊंगा

गडकरी ने कहा कि ये बात मैं सभी विधायक और सांसदों (MP And MLA)से कहना चाहूंगा। मैंने तो तय कर लिया है कि अगले चुनाव में न कोई पोस्टर लगाऊंगा, न बैनर और न ही चाय (Tea) पिलाऊंगा, कुछ नहीं करूंगा। जिसको वोट देना है देगा। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है। पहले साढ़े 3 लाख के मार्जिन से जीता था, अब वो और बढ़ जाएगी। उन्होंने ये भी कहा, ‘मैं बहुत मुश्किल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। मुझे सभी नेताओं ने मना किया था। पर मैं जिद के साथ लड़ा था।

भैरों सिंह शेखावत जयंती के कार्यक्रम की तस्वीर

गडकरी ने जिंदा मछली का दिया उदाहरण

इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने जिंदा मछली का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हमारी राजनीति में सबसे बड़ी समस्या विचारशून्यता की है। जो नेता सही होता है वो प्रवाह के खिलाफ बोलने की हिम्मत दिखाता है। एक बड़े विद्वान ने कहा था कि नदी जब बहती है तो उसके प्रवाह के साथ कूड़ा-कचरा, मरी हुई मछली सब बहती है, लेकिन जिंदा मछली नदी के प्रवाह के खिलाफ तैरती है, ये उसके जिंदादिली का उदाहरण है।

भैरों सिंह शेखावत जयंती के कार्यक्रम की तस्वीर

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