दो हफ्ते पहले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की JDU से नाता तोड़ लिया और अपनी नई पार्टी RLJD बनाई। तो अब उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार द्वारा Y+ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक IB को इनपुट्स दिए गए थे कि उपेंद्र कुशवाहा पर हमला हो सकता है, जिसके बाद अब उन्हें केंद्र सरकार ने वाई प्लस सुरक्षा दी है। जेडीयू छोड़ने से कुछ दिन पहले आरा के पास एक कार्यक्रम से लौटते समय उपेंद्र कुशवाहा के वाहनों के काफिले पर पथराव किया गया था। वाई प्लस कवर के तहत 1 कमांडो और 2 पीएसओ समेत 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं। सुरक्षा के लिहाज से 11 में से पांच पुलिसकर्मी संबंधित VIP के घर और उसके आसपास रहते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने से कुछ दिनों पहले ही विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी को भी Y+ कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला लिया गया था। जबकि, चिराग पासवान को तो बिहार में Z श्रेणी की सुरक्षा मिली है। हालांकि, ये सामान्य सी प्रक्रिया होती है, लेकिन चुनाव के करीब आते ही नेताओं को जिस तरह से सुरक्षा दी जा रही है, इसको लेकर ही सवाल उठ रहे हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 में और लोकसभा चुनाव 2024 में ही होना है। बिहार पर बीजेपी का फोकस पहले से ज्यादा है। ऐसे में आरजेडी और जेडीयू की मुखालफत करने वाली पार्टियों के नेताओं को सुरक्षा देना इस बात का सबूत है कि बीजेपी तमाम पार्टियों को साथ लेकर नीतीश कुमार का खेल ना सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनाव में खराब करने की रणनीति बना चुकी है।
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नागालैंड में टूट गई JDU, नीतीश हुए हैरान
JDU की केंद्रीय पार्टी समिति ने बुधवार को पार्टी की नागालैंड इकाई को उसके विधायक और राज्य इकाई के प्रमुख ने नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को समर्थन देने का वादा करने के बाद भंग कर दिया। दरअसल, नागालैंड JDU के अध्यक्ष सेन्चुमो लोथा और उनकी पार्टी के एकमात्र विधायक ज्वेंगा सेब ने 8 मार्च को राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो से मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद, उन्होंने एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन सरकार को अपना समर्थन पत्र सौंपा था।
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जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि पार्टी को बुधवार को विधायक के कदम के बारे में पता चला और तुरंत कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि…
''हमें बुधवार को अकेले जेडी-यू विधायक द्वारा समर्थन पत्र के बारे में पता चला और यह हमारी सहमति और पूर्व सूचना के बिना किया गया था। यह अत्यधिक आपत्तिजनक है और उच्च अनुशासन के समान है। हमने तुरंत राज्य इकाई को भंग करने का फैसला किया और जल्द ही एक नई समिति का गठन करेंगे।''
बिहार स्थित तीन दलों में से, JDU, RJD और LJP (R) ने नागालैंड विधानसभा चुनाव लड़ा था। चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और 16 में से 2 सीटों पर जीत हासिल की। चुजद (यू), जिसने उत्तर-पूर्व में अपने प्रदर्शन के आधार पर एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने की उम्मीद की थी, सात सीटों में से केवल एक पर जीत हासिल कर सकी थी।