राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में अब 6 महीने से भी कम समय बचा है। लेकिन, कांग्रेस पार्टी वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot ) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच जारी लड़ाई से जूझ रही है। लिहाज़ा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव के लिए संभावित रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को बैठक की। इस बैठक में नेतृत्व विवाद को सुलझाने का भी प्रयास किया गया।
सचिन पायलट ने मांगा सम्मानजनक पद!
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस (Congress) के अभियान में अपनी भूमिका जारी रखने की शर्त के रूप में पार्टी के भीतर एक सम्मानजनक पद की इच्छा व्यक्त की है। हालांकि, दोनों पैर की उंगलियों में फ्रैक्चर से जूझ रहे अशोक गहलोत सत्ता साझा करने के लिए तैयार नहीं है। उनका लक्ष्य पार्टी को मजबूती से और अपने सामाजिक कल्याण पिच के बैनर तले नेतृत्व करना है।
अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी कांग्रेस!
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते सचिन पायलट ने कहा कि, राजस्थान विधानसभा चुनाव सब मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि, पार्टी आलाकमान ने उनकी शर्तें मान ली हैं। सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस के दोबारा सत्ता में लौटने का दावा भी किया। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस आलाकमान ने उनके मुद्दों पर कार्रवाई की बात भी मान ली है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अशोक गहलोत के ही नेतृत्व में राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में शामिल हुए गहलोत
कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge), पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी (Rahul Gandhi), कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) और राज्य प्रभारी सुखजिंदर रंधावा (Sukhjinder Randhawa) ने भाग लिया। सचिन पायलट के अलावा राज्य इकाई के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) और राजस्थान कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। बैठक के बाद एक ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक ट्वीट में राजस्थान में कांग्रेस की संभावनाओं के प्रति आशा व्यक्त की और कहा कि पार्टी एकजुट होकर लोगों के बीच जाएगी।
गहलोत-पायलट के बीच क्यों छिड़ी है जंग ?
पिछले कुछ महीनों से सचिन पायलट पिछली वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के नेतृत्व वाली बीजेपी (BJP) सरकार के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोपों के खिलाफ कथित निष्क्रियता को लेकर अशोक गहलोत प्रशासन की सार्वजनिक रूप से आलोचना कर रहे हैं।
सचिन पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करने की भी मांग की है और परीक्षा पेपर लीक के पीड़ितों के लिए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालाँकि, दोनों नेता कई प्रयासों के बाद सुलह की ओर बढ़ते दिख रहे थे। गहलोत और पायलट दोनों ने मई में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ व्यापक चर्चा भी कर चुके हैं।