सुर्खियों में रहे आर्यन खान ड्रग्स केस ने ऐसा यू-टर्न लिया है, कि उल्टा NCB के पूर्व अधिकारी रडार पर आ गए हैं। दरअसल इस केस में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से दायर की गई FIR में कई खुलासे हुए हैं। NCB पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को ड्रग्स-ऑन-क्रूज (Drugs on Cruise) मामले में फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की रिश्वत (Bribe) ऐंठने की योजना बनाई थी। FIR से खुलासा हुआ है कि इस मामले में गवाह केपी गोसावी, आर्यन खान के पिता शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये वसूलने की योजना बना रहे थे, ये सब वो समीर वानखेड़े के कहने पर कर रहे थे।
सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, शाहरुख खान के परिवार को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने 25 करोड़ रुपये नहीं दिए तो आर्यन खान को नशीले पदार्थों के मामले में फंसा दिया जाएगा। CBI ने वानखेड़े के खिलाफ कथित आपराधिक साजिश (120-बी आईपीसी), और जबरन वसूली की धमकी (388 IPC) के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वतखोरी से संबंधित प्रावधानों के लिए मामला दर्ज किया। FIR में अन्य के भी नाम हैं।
आर्यन खान को 2 अक्टूबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था
शाहरूख के बेटे आर्यन खान को 2 अक्टूबर, 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर कथित ड्रग बस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया था। 2008 बैच के IRS अधिकारी वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद शुक्रवार को मुंबई, दिल्ली, रांची, लखनऊ, गुवाहाटी और चेन्नई में 29 स्थानों पर एक समन्वित तलाशी अभियान को शुरू किया गया था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि एनसीबी, मुंबई जोन को अक्टूबर, 2021 के दौरान एक निजी क्रूज जहाज पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा मादक पदार्थों के सेवन और कब्जे से संबंधित सूचना मिली थी।
समीर वानखेड़े पर CBI ने लगाया रिश्वतखोरी का आरोप
सीबीआई के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ये आरोप लगाया गया है कि मुंबई क्षेत्र के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उक्त अधिकारियों ने मामला संख्या 94/2021… में व्यक्तियों और अन्य लोगों से अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए तत्कालीन जोनल निदेशक की देखरेख में पंजीकृत और जांच की। एनसीबी के मुंबई क्षेत्र ने अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश रची थी और कथित रूप से कथित अभियुक्तों से रिश्वत के रूप में अनुचित लाभ प्राप्त किया था।
CBI के मुताबिक कथित तौर पर समीर वानखेड़े और अन्य द्वारा इस साजिश को आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये की सांकेतिक राशि प्राप्त की गई थी। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि वानखेड़े और अन्य अधिकारियों ने ड्यूटी के ‘अनुचित और बेईमानी से प्रदर्शन’, ‘भ्रष्ट और अवैध तरीकों’ और ‘निजी प्रभाव के प्रयोग’ से एनसीबी द्वारा दर्ज मामले में संदिग्ध से रिश्वत की मांग की। आरोपी अधिकारी नवंबर, 2021 तक कोर्डेलिया जहाज की जांच के शीर्ष पर था, जब एनसीबी की एक विशेष जांच टीम ने जांच का जिम्मा संभाला।