उत्तराखंड में दंगा किया तो खैर नहीं। उत्तराखंड में उत्पात मचाया तो खैर नहीं। देवभूमि में दंगा-फसाद करने वालों की खैर नहीं। आप सोच रहे होंगे कि उत्तराखंड की बीजेपी (BJP) सरकार ऐसा क्या करने जा रही है जिससे राज्य में हिंसा करने वाले थर-थर कांपेंगे। तो आपको बता दें कि, उत्तराखंड (Uttarakhand) की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दंगा रोधी यानि दंगा रोकने के लिए देश के सबसे कठोर कानून को मंजूरी दे दी है।
इस कानून के तहत निजी और सरकार संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों से ही नुकसान की वसूली की जाएगी। यही नहीं, 8 लाख तक का जुर्माना और दंगा रोकने में सरकारी मशीनरी के खर्च की भी भरपाई की जाएगी। सीधे शब्दों में कहें तो मान लीजिए कहीं दंगा हुआ, तो वहां पुलिसकर्मियों से लेकर दंगा रोकने में जिन-जिन चीज़ों और साधने का इस्तेमाल होगा उसका पूरा खर्च दंगाइयों से वसूला जाएगा। दंगाइयों से सख्ती से निपटने के लिए सरकार ने विधिवत दावा अधिकरण (क्लेम ट्रिब्यूनल) गठित करने को भी मंजूरी दे दी है, ताकि कानून लागू होते ही अधिकरण के माध्यम से दंगाइयों पर नकेल कसी जा सके।
पहले यूसीसी (UCC) और अब दंगा रोधी कानून लाकर उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की सरकार ने साबित कर दिया है कि वो प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई भी सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटने वाली। यही नहीं दंगा रोधी कानून लाकर उत्तराखंड की धामी सरकार ने ये भी साबित कर दिया है कि वो कड़े और बड़े फैसले लेने से ज़रा भी हिचकने वाली नहीं है।
सोमवार को धामी कैबिनेट ने दंगा रोकने और दंगाइयों से निपटने केलिए उत्तराखंड लोक (सरकार) और निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून 2024 पर मुहर लगा दी। इस कानून से देवभूमि में दंगा-फसाद, हड़ताल, बंद, उपद्रव और अशांति के दौरान निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले बच नहीं पाएंगे। इस कानून को मंत्रिमंडल ने मंजूरी देकर राज्यपाल के पास भेज दिया है। राज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही ये कानून मूर्त रूप ले लेगा और इसपर अमल करना शुरु कर दिया जाएगा।
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