Yogi policy in the interest of farmers: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना। गेहूं क्रय नीति को मंजूरी और बर्बाद फसल की भरपाई करेगी यूपी सरकार
पिछले तीन दिनों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलग-अलग हिस्सों में बारिश (Rain) और ओलावृष्टि (Hailstorm) की वजह से तापमान में काफी गिरावट आ गई है। लेकिन, यही बारिश और ओलावृष्टि किसानों (Farmers) के लिए परेशानियों का अंबार लेकर आई है। इससे फसलों पर असर पड़ा है। तेज़ हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेंहूं, सरसों और आलू की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खड़ी फसल खेतों में तबाह हो गई है और अन्नदातों के माथे पर शिकन की लकीरें खिंच गई हैं। लेकिन, किसान हित में काम करने वाली योगी सरकार ने इस नुकसान की भरपाई का फैसला किया है। योगी सरकार (Yogi Government) ने नुकसान के आंकलन और उसकी भरपाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कहा है कि मौसम के कारण जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है उन्हें जितनी जल्दी हो सके, मुआवजा दिया जाए।
गेहूं क्रय नीति को सरकार ने दी मंजूरी
किसानों को राहत देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने एक और बड़ा ऐलान किया है। योगी सरकार अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद करेगी। किसानों को 2275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान होगा। ये सरकारी खरीद 6500 खरीद केंद्रों के माध्यम से की जाएगी। सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन गेहूं खरीद नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी है। नीति के मुताबिक कुल आठ एजेंसियां खरीद करेंगी। ये एजेंसियां हैं-खाद्य विभाग की विपणन शाखा, मंडी परिषद, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (PCF), उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन (UPPCU), उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (UPSS), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED), भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (NCCF) और भारतीय खाद्य निगम।