जैसी करनी वैसी भरनी, आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को भारत लगातार समझाता आया है कि मत तो दहशतगर्दों का साथ, पीएम मोदी ने भी कहा कि आतंक का रास्ता छोड़ो और विकास पर ध्यान दो, लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरानों ने तो आतंकियों को अपना रहनुमा मान रखा है। नतीजा ये हुआ की उन्हीं आतंकियों ने पाकिस्तान को खून के आंसू रुलाने शुरु कर दिए। ऐसे में मरता क्या ना करता, आ गए लाइन पर। पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाने और देश से आतंक का सफाया करने का ऐलान कर दिया। भले ही ये ऐलान तालिबानी आतंकियों तक ही सीमित हो, लेकिन पाकिस्तान सरकार की ओर से एक ठोस पहल तो की गई।
एपेक्स कमिटी (Apex Committe) की शुक्रवार को हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि संघीय और प्रांतीय सरकारें आतंकवाद के खात्मे के लिए एक समान रणनीति अपनाएंगी और इस संबंध में प्रभावी रणनीति तैयार करने का आदेश दे दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि, शीर्ष समिति की आज पेशावर में हुई बैठक में किसी भी कीमत पर पाकिस्तान के लोगों की रक्षा करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया गया। उन्होंने ये भी कहा कि, ‘निर्दोष नागरिकों पर हमला करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। हम आतंकवाद विरोधी लाभ को उलटने नहीं देंगे।’
पेशावर धमाके के बाद पाकिस्तान को आई अक्ल ?
शुक्रवार की बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, संघीय मंत्री, राजनीतिज्ञ, सैन्य और धार्मिक नेताओं के साथ सभी प्रांतों के पुलिस प्रमुख शामिल हुए। सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी सुरक्षा स्थिति और आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों के बारे में बैठक में जानकारी दी। बैठक खत्म होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि सभी लोगों ने हाल की आतंकवादी घटनाओं, विशेष रूप से पेशावर विस्फोट की विस्तार से समीक्षा की।
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सीमा प्रबंधन नियंत्रण और इमिग्रेशन प्रणाली पर बैठक में आतंकवादियों के खिलाफ उनकी जांच,अभियोजन और सजा के संबंध में उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया गया। बैठक में राष्ट्रीय कार्य योजना (National Action Plan) के कार्यान्वयन और मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसमें सुधार के सुझावों की भी समीक्षा की गई।
दहशतगर्दों ने डराया, आतंकिस्तान को होश आया ?
एपेक्स कमिटी की बैठक पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में हुए घातक आतंकवादी हमले के मद्देनजर पेशावर में ही बुलाई गई थी, जिसमें 101 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे। पाकिस्तान ताज़ा आतंकी हमलों से हिला हुआ है, जिनमें से ज़्यादातर हमले खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पंजाब के मियांवाली शहर में हुए हैं। एक आतंकी हमला तो देश की राजधानी इस्लामाबाद में भी हुआ। 2018 के बाद से इस साल का जनवरी पाकिस्तान के लिए सबसे घातक महीना था, जिसमें 134 लोगों की जान चली गई, आतंकी हमलों में 139 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, और देश भर में कम से कम 44 आतंकवादी हमलों में जिनमें 254 लोग घायल हुए।