आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा पाकिस्तान (Pakistan) अब सियासी भंवर में फंस गया है। इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद जनता और सेना आमने-सामने आ गई है। पाकिस्तान के लगभग सभी प्रांतों में दूसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन हुए। इमरान खान को 8 दिनों के लिए NAB की हिरासत में भेजे जाने के बाद तो एक बार फिर पाकिस्तान धधक उठा। पेशावर (Peshawar) में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 91 को अस्पताल में भर्ती कराया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस्लामाबाद (Islamabad), पंजाब (Punjab) और खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में सेना तैनात कर दी गई।
पुलिस का कहना है कि पीटीआई के विरोध के बाद पंजाब में लगभग 1,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं इमरान के बाद PTI के प्रमुख नेता असद उमर (Asad Umar) को इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High court) परिसर से गिरफ्तार किया गया। जबकि पीटीआई नेता हम्माद अजहर (Hammad Azhar) ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा, हालांकि उस दौरान वो घर पर मौजूद नहीं थे। अजहर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अवैध रूप से उनके घर के सीसीटीवी इंस्टॉलेशन को तोड़ दिया और अपने साथ ले गई। इमरान की गिरफ्तारी पर आईएचसी के फैसले के खिलाफ पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर क्वेटा के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन के बाद बलूचिस्तान पुलिस (Balochistan Police) ने अब तक कम से कम 60 राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। क्वेटा के डीआईजी अज़फ़र महेसर के अनुसार, एक राजनीतिक कार्यकर्ता की मौत हो गई, जबकि 31 पुलिस कर्मियों सहित 35 लोग घायल हो गए। पीटीआई नेता शिरीन मजारी ने कहा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पार्टी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन चाहती थी लेकिन ऐसी प्रतिक्रिया की आशंका तो थी ही। पीटीआई ने एक बयान में कहा है कि पुलिस ने लाहौर के जेल रोड पर पार्टी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (Prime Minister) शहबाज़ शरीफ (Shahbaz Sharif) ने कहा कि, आतंकवादी और वो तत्व जो राज्य के दुश्मन हैं, उन्हें तुरंत अपनी “राज्य विरोधी गतिविधियों” से बचना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि, बदमाशों से सख्ती से निपटा जाएगा। पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि, पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ अल-कादिर ट्रस्ट मामले के लिए सभी सबूत मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो सबूतों के आधार पर जांच कर रहा है। उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को आतंकवादी कृत्य और देश के प्रति दुश्मनी करार दिया।