चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच संभावित युद्ध (War) की आशंका प्रबल होती जा रही है। चीन ने ‘जॉइंट स्वॉर्ड’ युद्धाभ्यास के बाद ऐलान कर दिया कि उसकी सेना ताइवान पर हमले के लिए तैयार है। चीन के सरकारी मीडिया ने बताया कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने ताइवान द्वीप के आसपास गश्त और अभ्यास से जुड़ी सभी चीज़ों को पूरा कर लिया है। ताइवान पर दबाव बनाने के लिए चीन के जंगी जहाज अब भी ताइवान स्ट्रेट में मौजूद हैं। इन जंगी जहाज़ों ने मंगलवार को लाइव फायर एक्सरसाइज़ किया।चीन की इस आक्रामकता को ताइवान स्ट्रेट में युद्ध की मुनादी के तौर पर देखा जा रहा है।
ताइवान बोला…चीन के सामने झुकेंगे नहीं
चीन की धौंस के बावजूद ताइवान भी झुकने को तैयार नहीं है। मंगलवार को ताइवान की वायुसेना ने अपनी ताकत का मुज़ाहिरा पेश किया। ताइवान स्ट्रेट के ऊपर उड़ान भरकर ताइवान के फाइटर जेट्स ने साबित कर दिया कि वो चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। चीन को सख्त संदेश देने के लिए ताइवान के लड़ाकू विमानों ने सिंचू एयरबेस से उड़ान भरी। सिंचू एयरबेस ताइवान के उत्तर में स्थित है और चीन सीमा के सबसे नज़दीक स्थित है। इस एयरबेस पर ताइवान ने मिराज लड़ाकू विमानों के तीन स्क्वॉड्रन तैनात किए हैं। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने कहा कि…
''भले चीन का सैन्य अभ्यास समाप्त हो गया हो, लेकिन देश की सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम अपने पदों पर टिकी रहेगी और देश की रक्षा करेगी। हर कोई निश्चिंत हो सकता है और कृपया एक बार फिर उन सशस्त्र बलों की जय-जयकार करें जो अपनी चौकियों पर बने रहते हैं और हमारे देश की रक्षा करते हैं।''
चीन की आक्रामकता से दुनिया परेशान
चीन की आक्रामकता ना सिर्फ ताइवान ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र के दूसरे देशों के लिए भी सिरदर्द बन गई है। जापान ने चीन की मिलिट्री ड्रिल को उकसावे वाली कार्रवाई बताया। जापान के रक्षा मंत्री यासुकाज़ू हमादा ने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर चीन का रवैया आपत्तिजनक और दुर्भावना से प्रेरित है।
जापानी रक्षा मंत्री का बयान
”ये डराने वाली मिलिट्री ड्रिल थी। चीनी सेना की गतिविधियों के इरादों के बारे में कुछ कहना तो मुश्किल है, लेकिन चीन ने कहा है कि ये अभ्यास अलगाववादी ताकतों के बाहरी ताकतों के साथ मिलीभगत के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी है। ऐसा लगता है कि ताइवान के मुद्दे पर चीन ने समझौता ना करने वाला रवैया दिखाया है।”
अमेरिका ने एक बार फिर ताइवान का साथ देने का वादा दोहराने के साथ कहा कि वो चीन के हर कदम पर पैनी नज़र रख रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के सह प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि, ‘हम उनकी हर कार्रवाई पर पैनी नज़र रखे हुए हैं, क्योकि इस तरह की कार्रवाई ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता में बाधा पैदा करती है।’ हालांकि, सवाल ये है कि क्या अमेरिका इस मामले में ताइवान की खुलकर मदद करेगा, या फिर यूक्रेन की तरह उसे चीन से अकेले जंग लड़ने के लिए छोड़ देगा। सवाल इसलिए क्योंकि ताइवान स्ट्रेट में चीन की तैनाती है, उसने ताइवान को चारों तरफ से घेर रखा है, जबकि चीन की नौसेना अब अमेरिका को नौसेना शक्ति के मामले में पीछे छोड़ चुकी है।