PAKISTAN: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। अब तो ऐसा लगने लगा है कि उनका हाल भी जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutto) की तरह होगा। आपको बताएंगे इसके पीछे क्या वजह है। लेकिन, उससे पहले आपके लिए ये जानना ज़रूरी है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर फांसी का खतरा क्यों मंडरा रहा है। दरअसल, 80 से ज़्यादा मामलों में फंसे इमरान पर अब एंटी टेररिज़्म कानून (Anti Terrorism Act) के तहत केस दर्ज किया गया है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Pakistan) के एक वकील की हत्या से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील अब्दुल रज्जाक शार (Abdul Razzaq Shar) की इसी हफ्ते हत्या कर दी गई थी। वो बलूसचिस्तान (Balochistan) की राजधानी क्वेटा (Quetta) स्थित हाईकोर्ट जा रहे थे, तभी एयरपोर्ट रोड पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर उन्हें मौत के घाट उतार डाला।
इमरान पर क्यों लगा वकील की हत्या का आरोप ?
वकील अब्दुल रज्जाक शार के बेटे सिराज अहमद (Siraj Ahmed) ने इस मामले में FIR दर्ज करवाई। सिराज ने आरोप लगाया कि उनके पिता की हत्या PTI प्रमुख इमरान खान के इशारे पर हुई। यही नहीं वकील के बेटे सिराज ने दावा किया कि इमरान के खिलाफ केस दर्ज करवाने की वजह से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। लेकिन, सवाल ये है कि इमरान खान सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील अब्दुल रज़्ज़ाक को क्यों मरवाएंगे। दरअसल, वकील अब्दुल रज़्ज़ाक शार ने पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी (Qasim Suri) और इमरान खान के खिलाफ बलूचिस्तान हाईकोर्ट (Balochistan High Court) में एक केस दायर कर रखा था। अब्दुल रज़्ज़ाक शार ने 2022 में संसद भंग करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 6 के तहत केस फाइल की थी। इस केस में उन्होंने कासिम सूरी और इमरान खान को कटघरे में खड़ा किया था। यही वजह है कि अब्दुल रज्जाक शार के परिवार को लगता है कि उनकी हत्या इमरान खान के इशारे पर हुई।
सरकार और पीटीआई के बीच वार-पलटवार
शहबाज़ शरीफ के सलाहकार अताउल्लाह तरार ने कहा कि, अब्दुल रज्जाक शार ना सिर्फ इमरान खान के खिलाफ केस फाइल कर चुके थे, बल्कि संगीन गद्दारी के मुकदमे में वकील भी थे। वो इस केस की पैरवी भी कर रहे थे। यही वजह है कि साज़िश के तहत उनकी हत्या करवाई गई। हालांकि, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने दावा किया कि शहबाज शरीफ और राणा सनाउल्लाह ने वकील अब्दुल रज़्ज़ाक का मर्डर करावाया।
इमरान खान का होगा जुल्फिकार अली भुट्टो जैसा हाल ?
वैसे तो इमरान ख़ान के खिलाफ सौ से अधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन उन्हें डर है एंटी टेररिज़म एक्ट के तहत दर्ज किए मामलों से। इमरान पर वकील की हत्या और जज को धमकाने के मामले में एंटी टेररिज़म एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। अब अगर इमरान ख़ान को एंटी टेररिज़म एक्ट के शिकंजे से बाहर निकलना है तो उन्हें अदालत से ज़मानत लेनी होगी। लेकिन एंटी टेररिज़म एक्ट के मामलों में ज़मानत पाने के लिए आरोपी को अदालत में पेश होना पड़ता है। जबकि इमरान खान कई बार ये डर जता चुके हैं कि अगर वो अदालत जाने के लिए घर से बाहर निकले तो उनकी हत्या हो सकती है। यही नहीं इमरान खान पर जिस तरह से वकील की हत्या करवाने का आरोप लगा है, कुछ उसी तरह का आरोप 1974 में पाकिस्तान के पूर्व PM जुल्फिकार अली भुट्टो पर भी लगा था। तब भुट्टो पर अहमद खान कसूरी (Sahibzada Ahmad Raza Khan Kasuri) की हत्या करवाने का इल्ज़ाम लगा था। इसके ठीक बाद जनरल जिया उल हक (Muhammad Zia-ul-Haq) ने जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार का तख्तापलट कर उन्हें जेल में डाल दिया था। अहमद खान कसूरी की हत्या का दोषी ठहराते हुए 4 अप्रैल 1979 को भुट्टो को फांसी पर चढ़ा दिया गया था।