Saturday, July 27, 2024
HomeविदेशPakistan moving towards martial law: पाकिस्तान में मार्शल लॉ की दस्तक, सेना...

Pakistan moving towards martial law: पाकिस्तान में मार्शल लॉ की दस्तक, सेना संग पीएम की बैठक के बाद इमरजेंसी की सुगबुगाहट, जानिए आपातकाल लगा तो कैसे तबाह हो जाएगा पाकिस्तान

पाकिस्तान में मार्शल लॉ की आहट साफ सुनाई देने लगी है। बहुत मुमकिन है कि कुछ ही दिनों के अंदर पाकिस्तान में इमरजेंसी यानि आपातकाल लागू कर दी जाए और सेना सत्ता संभाल ले। दरअसल, शुक्रवार को प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने नेशनल सिक्योरिटी कमिटी (NSC) की बैठक बुलाई। इसमें पाकिस्तान सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के साथ सेना प्रमुख आसिम मुनीर और ISI चीफ नदीम अंजुम भी शामिल हुए। करीब 2 घंटे तक चली इस बैठक में आतंकवाद, देश में राजनीतिक अस्थिरता, सुप्रीम कोर्ट के खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब के प्रांतीय चुनाव कराने फैसले के साथ इमरान खान को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक से कई अहम चीज़ें बाहर निकल कर आईं।

  • पाकिस्तान की सेना ने प्रांतीय चुनावों में सुरक्षाबलों की तैनाती से इनकार कर दिया।
  • सीमा पर आतंकी गतिविधियों का बहाना बनाकर सेना ने सुरक्षाबलों को चुनावी ड्यूटी पर लगाने से साफ मना कर दिया।
  • पाकिस्तान की सरकार ने सेना से सुप्रीम कोर्ट को सुरक्षा हालात का ब्योरा देने की मांग की।
  • सरकार चाहती है कि सेना सर्वोच्च अदालत को बताए कि अगर 14 मई को चुनाव होते हैं तो आतंकी वारदातें बढ़ सकती हैं।
  • पाकिस्तानी संविधान के आर्टिकल-232 के तहत देश में इमरजेंसी लागू करने पर भी विचार विमर्श हुआ।

पाकिस्तान में आपातकाल को संविधान के अनुच्छेद 232 के तहत घोषित किया जा सकता है – जो युद्ध और आंतरिक गड़बड़ी के कारण आपातकाल की उद्घोषणा से संबंधित है। इमरजेंसी एक वर्ष की अधिकतम अवधि के लिए लागू की जा सकती है। हालांकि, आपातकाल घोषित करने के लिए संसद द्वारा पारित एक प्रस्ताव आवश्यक है। वैसे कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भी कहा था कि देश में इमरजेंसी लग सकती है।

पाकिस्तान में आपातकाल का इतिहास

पाकिस्तान में साल 1958 में हुए युद्ध के दौरान पहली बार मार्शल लॉ लगाया गया था। 7 अक्टूबर 1958 राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्ज़ा ने मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद साल 1962 में संविधान को रद्द कर दिया और वहां फिर से मार्शल लॉ घोषित कर दिया। पाकिस्तान में तीसरी बार मार्शल लॉ जुल्फिकार अली भुट्टो ने लगाया। ये बांग्लादेश की लड़ाई के बाद लगाया गया था। फिर 5 जुलाई साल 1977 को जनरल मुहम्मद जिया-उल-हक ने देश में मार्शल लॉ लगाया। इसके बाद 12 अक्टूबर, 1999 को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार भंग कर दी गई थी, तब भी सेना ने एक बार फिर नियंत्रण संभाला। हालांकि, उस वक्त मार्शल लॉ नहीं लगाया गया। तब के सेना अध्यक्ष परवेज मुर्शरफ खुद राष्ट्रपति बन गए थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Posts

Most Popular