पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख आसिम मुनीर के शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर एक ऐसा वाकया हुआ जिससे रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय में हड़कंप मच गया। पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी शहर क्वेटा (Quetta) में पुलिस की गाड़ी पर आत्मघाती हमला हुआ। खबर लिखे जाने तक पुलिस के गश्ती दल को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 28 गंभीर रूप से घायल हो गए। क्वेटा पुलिस के मुताबिक रिक्शा चला रहा एक आत्मघाती हमलावर पुलिस के ट्रक के सामने आ गया और धमाके से खुद को उड़ा लिया। जिससे ट्रक सड़क के नीचे खाई में जा गिरा। जबकि, उस दौरान वहां से गुज़र रही दो गाड़ियां भी धमाके की चपेट में आ गईं। इन दो गाड़ियों में से तो एक में आग लग गई और वो पूरी तरह कबाड़ में तब्दील हो गई। इसके बाद धमाके वाली जगह पर अफरा-तफरी मच गई। पूरे इलाके को पुलिस और सेना ने सील कर दिया। क्वेटा के डीआईजी ग़ुलाम, अज़फ़ेर मेहसर ने कहा कि, ” पुलिस के ट्रक को रिक्शे ने हिट किया। अभी तक ये पता चला है कि शायद रिक्शे में या तो विस्फोटक है या उसके अंदर कोई सुइसाइड बॉम्बर था।” प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला है कि..
- इस आत्मघाती हमले में 25 से 30 किलोग्राम IED का इस्तेमाल किया गया।
- जबकि, हमले के पीछे TTP यानि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का हाथ बताया जा रहा है।
- जिसने एक दिन पहले ही सीज़फ़ायर खत्म करने का ऐलान करते हुए देशभर में हमले की चेतावनी दी थी।
क्वेटा में आतंकी हमले का पाकिस्तान में ‘पोलियो अभियान’ से क्या है कनेक्शन ?
बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में आत्मघाती हमले के समय पुलिस का गश्ती दल पोलियो टीकाकरण टीम की सुरक्षा करने के लिए जा रहा था। लेकिन, इससे पहले की वो पहुंचा पाता हमलावर ने ट्रक के सामने आकर खुद को उड़ा लिया। पाकिस्तान में आतंकी अक्सर पोलियो टीकाकरण टीमों को निशाना बनाते रहे हैं, खासकर बलूचिस्तान में जहां ना सिर्फ इस्लामी, बल्कि बलोच लिब्रेशन आर्मी जैसे अलगाववादी गुट भी सक्रिय हैं। इन गुटों को लगता है कि पोलियो टीकाकरण अभियान के ज़रिए सरकार के इशारे पर पाकिस्तान की फौज उनकी जासूसी कर रही है। तो शायद यही वजह है कि क्वेटा में पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात पुलिस के गश्ती दल को निशाना बनाया गया। फिलहाल, पाकिस्तान सेना के नए आर्मी चीफ आसिम मुनीर के कार्यभार संभालने के बाद हुए इस हमले से सेना अलर्ट हो गई है। पाकिस्तान की सेना स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर TTP पर नकेल कसने की कवायद में जुट गई है। हालांकि, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों पर लगाम लगा पाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि , ये आतंकी गुरिल्ला वॉर के लिए प्रशिक्षित होने के साथ घातक हथियारों से लैस होते हैं।