पाकिस्तान और अफ़गान की तालिबान सरकार के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने दावा किया है कि तालिबान के सैनिकों ने अफ़गान बॉर्डर के पास स्थित चमन में भारी गोलाबारी की है। पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग ISPR के मुताबिक अफगान बॉर्डर फोर्सेज़ की ओर से किए गए हमले में तोपखाने और मॉर्टर का इस्तेमाल किया गया, जिसकी वजह से चमन में भारी तबाही हुई। बॉर्डर पर मौजूद कई घर जमींदोज़ हो गए। वहां से गुज़र रहा एक ट्रक भी पलट गया और उसमें आग लग गई। हमला इतना भयानक था कि लोगों को संभलने तक का वक्त नहीं मिला। पलक झपकते ही सबकुछ आग के गोले में तब्दील हो गया। बहुत दूर से आसमान में काला धुआं उठता नज़र आया। हालांकि, हमले के बाद स्थानीय लोगों, पुलिस, सेना और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने जगह-जगह लगी आग बुझाने की पूरी कोशिश की।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के आगे पाकिस्तान का सरेंडर !
पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक अफग़ान बॉर्डर फोर्सेज़ की ओर से किए गए हमले में 7 लोगों की जान चली गई, जबकि 17 बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए। घायलों का पास के ही अस्पताल में इलाज चल रहा है। जानकारी मुताबिक, इनमें से कुछ की हालत नाज़ुक है। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक पाक फौज ने ना सिर्फ जवाबी कार्रवाई की, बल्कि पाकिस्तान सरकार ने अफगान हुकूमत से बातचीत करने के साथ अफ़गान बॉर्डर को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा कि अफगान फोर्सेज़ की ओर से की गई कार्रवाई चिंता का सबब है, और इसे लेकर तालिबान की मौजूदा सरकार से बातचीत की जा रही है। जबकि, शाम होते-होते पाकिस्तान के रक्षा मंत्री सामने आए और कहा कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इस हमले के लिए माफी मांग ली है और मामला ख़त्म हो चुका है।
अफगानिस्तान का आरोप…पहला धमाका पाक फौज ने किया
पाकिस्तान के सीमाई इलाके चमन में हुई गोलाबारी की वारदात के बाद पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान सेना के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर काफी देर तक चलता रहा। ऐसा लगा कि दोनों देशों में तलवारें खिंच जाएंगी।
- पाकिस्तान सेना के मुताबिक अफ़गान बॉर्डर फोर्सेज़ जानबूझकर उसके नागरिकों को निशाना बना रही है
- वहीं अफ़ग़ानिस्तान के कंधार पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि पहले पाकिस्तान सेना ने गोलाबारी शुरु की
- अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान प्रशासन की मानें तो पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में उसके एक सैनिक की मौत हो गई, 3 नागरिक समेत 10 लोग ज़ख़्मी हो गए
- यही नहीं पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने अफ़ग़ानिस्तान सुरक्षाबलों को अफ़ग़ान क्षेत्र में बॉर्डर के पास एक नया चेकपोस्ट बनाने से भी रोका।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ती दूरियां
अफगान तालिबान और पाकिस्तान की हुकूमत के बीच तनाव तभी से बढ़ गया था जब से पाकिस्तान वहां के अंदरूनी मामलों में दखल देने की कोशिश करने लगा था। पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान सरकार ने तालिबान को डिक्टेट करना शुरु दिया था। जब तालिबान सत्ता में आए थे तो पाकिस्तान ने पूरी कोशिश की थी कि उसी के हिसाब से सरकार बने। ISI के तत्कालीन चीफ फैज़ हमीद तो कई दिनों तक काबुल में ही डंटे हुए थे। लेकिन, इसके बाद से ही दोनों देशों के ताल्लुकात ख़राब होते चले गए। पिछले महीने भी एक अफग़ान शख्स ने फ्रेंडशिप गेट पर पाकिस्तानी सैनिक को गोली मार दी थी। जबकि, खैबर पख्तूनख्वा से लेकर स्वात घाटी में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले तेज़ कर दिए हैं। TTP ने आसिम मुनीर के नए सेना प्रमुख बनने के बाद ही सीज़फायर ख़त्म करना का ऐलान कर दिया था।