Saturday, July 27, 2024
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Spy Balloon shot down: चीन के जासूसी बलून का काम तमाम, अमेरिकी वायुसेना के हमले से थर्रा उठा आसमान

पिछले 8 दिनों से अमेरिका के ऊपर मंडरा रहे चीन के कथित जासूसी बैलून को आखिरकार मार गिराया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जासूस बलून को मार गिराने का आदेश दिया था, जिसके बाद यूएस एयरफोर्स के F-22 फाइटर पायलट्स ने स्ट्राइक की और बलून को आसमान में ही तबाह कर दिया। कथित जासूसी बलून को मार गिराए जाने के बाद बाइडेन ने अपने फाइटर पायलट्स को बधाई दी है।

सोशल मीडिया पोस्ट

करोड़ों की मिसाइल से जासूसी बलून का काम तमाम

  • चीन के जासूसी बलून को Aim-9 साइडविंडर मिसाइल से उड़ाया गया
  • Aim-9 साइडविंडर मिसाइल की कीमत 4 लाख डॉलर है
  • इस मिसाइल को F-22 Raptor फाइटर जेट में लगया गया था
  • अमेरिका ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए 10 लाख डॉलर खर्च किए

अमेरिकी कार्रवाई पर चीन ने कड़ा ऐतराज जताया। चीन ने कहा कि…

''अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। हमारे पास भी कार्रवाई का अधिकार है। हम भी जरूरी एक्शन ले सकते हैं।''

बाइडन के ‘ऑपरेशन बलून’ की INSIDE STORY

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक शनिवार की दोपहर राष्ट्रपति बाइडन ने कहा बलून को उड़ाने का आदेश दिया। जिसके बाद उस बैलून के ऐसे इलाके में आने का इंतजार किया गया जिससे उसे गिराए जाने पर रिहायशी इलाके में मौजूद लोगों को कोई खतरा ना हो। अमेरिकी समयानुसार दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर कैरोलिना कोस्ट से 6 मील की दूरी पर सभी तरह के एयर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया। जब बैलून 60 से 65 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था, उसी दौरान अमेरिका के एक F-22 रैप्टर फाइटर जेट ने लैंगले एयर फोर्स बेस से उस पर हमला कर दिया। पेंटागन ने बताया कि हमले के बाद नेवी और कोस्ट गार्ड के लोग बलून के मलबे को ढूंढ़ कर उसे पानी से बाहर निकालने का प्लान बनाया गया, ताकि ये पता चल सके की बलून की मदद से चीन ने क्या जानकारियां इकट्ठा की थीं।

इसी रैप्टर फाइटर जेट से बलून को मार गिराया गया

बलून एपिसोड के बाद चीन को चोट

28 जनवरी को चीन के कथित जासूसी बलून को अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते हुए देखा गया था। इसके बाद उसे 3 फरवरी को मोंटाना क्षेत्र में उड़ते पाया गया। मोंटाना अमेरिका का एक बेहद अहम न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है। सेना को शक था कि बैलून जासूसी कर रहे हैं और यहां की जानकरियां चीन तक पहुंचाई जा रही हैं। इसी वजह से बलून पर नज़र रखी जा रही थी। लेकिन, अमेरिकी संसद के विपक्षी दल और जनता इस बलून को लेकर चिंता ज़ाहिर कर रहे थे और इसे मार गिराने की मांग कर रहे थे।

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