ब्रिटिश सरकार ने सरकारी फोन पर टिकटॉक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। ब्रिटेन की सुनक सरकार ने ये फैसला सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है। कैबिनेट कार्यालय मंत्री ओलिवर डाउडेन ने संसद में टिकटॉक एप पर बैन की घोषणा की। इससे पहले भारत, कनाडा और यूरोपीय संघ में चीनी कंपनी की एप टिकटॉक (tiktok) एप पर नकेल कसी जा चुकी है। और अब अमेरिका से भी टिकटॉक के लिए बुरी खबर है। अमेरिकी सरकार ने साफ किया है कि अगर टिकटॉक की चीन में मौजूद पेरेंट कंपनी इसका बड़ा हिस्सा किसी अमेरिकन कंपनी को नहीं बेचती है तो पूरे अमेरिका में इसे बैन कर दिया जाएगा।
ब्रिटिश सरकार को डेटा लीक की आशंका
कैबिनेट कार्यालय मंत्री ओलिवर डाउडेन ने कहा कि टिकटॉक सरकारी डेटा और सूचनाओं का कैसे इस्तेमाल करता है, इस तरह के जोखिम की आशंका है। उन्होंने कहा कि
'संवेदनशील सरकारी सूचना की सुरक्षा प्राथमिकता है, इसीलिए आज हम इस एप (tiktok) को सरकारी उपकरणों पर प्रतिबंधित कर रहे हैं, ये कदम साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की सलाह पर उठाया गया है'
पाकिस्तान तक को चीन पर भरोसा नहीं
हालांकि टिकटॉक के स्वामित्व वाली चाइनीज कपंनी ने डेटा के मिसयूज के आरोपों का खंडन किया है, कंपनी का दावा है कि यूजर्स का डेटा चीनी सरकार के साथ साझा नहीं किया जाता है। मगर सवाल ये है कि चीन को अपना शुभचिंतक मानने वाले पाकिस्तान तक को इस पर भरोसा नहीं है। पाकिस्तान में भी टिकटॉक पर कम से कम 4 बार बैन लग चुका है। हालांकि चीन सरकार के दबाव में पाकिस्तान इस बैन को हटा भी देता है। भारत में साल 2020 में ही टिकटॉक एप पर बैन लग गया था। हाल ही में 6 मार्च को डेनमार्क ने भी टिकटॉक पर बैन लगा दिया है।