देशभर में हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए कानूनी प्रावधानों को लेकर सोमवार से चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही। तो वहीं ट्रक ड्राइवरों की इस हड़ताल से ज़रूरी चीज़ों की किल्लत के साथ उनकी कीमतों में भी भारी इज़ाफ़ा हो गया। कई राज्यों में पेट्रोल-डीज़ल, फल-सब्ज़ी और बाकी ज़रूरी चीज़े पहुंचने में दिक्कत हो रही है, जिसकी वजह से उनके दाम आसमान छूने लगे हैं। पंजाब के अमृतसर में लोग प्लास्टिक की बोतल और कैन लेकर पेट्रोल लेने पहुंचे। चंडीगढ़ में शर्तों पर पेट्रोल-डीज़ल दिया जा रहा है।
ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण महाराष्ट्र के सोलापुर की मंडी में प्याज की बोरियों का अंबार लग गया। ठाणे में कई पेट्रोल पंपों के बाहर NO PETROL DIESEL के बोर्ड लगा दिए गए। तेलंगाना के हैदराबाद में पेट्रोल पंप के बाहर गाड़ियों की इतनी लंबी लाइन लग गई कि सड़क का एक हिस्सा ही ब्लॉक हो गया। छत्तीसगढ़ में पुलिस की देखरेख में पेट्रोल दिया जा रहा है। जबकि यूपी के मैनपुरी से लेकर बिहार के हाजीपुर, राजस्थान के अजमेर और एमपी के खरगोन में पुलिस और प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों के बीच झड़प हुई।
क्यों हड़ताल पर बैठे हैं ट्रक ड्राइवर?
भारतीय न्याय संहिता 2023 में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल कैद का प्रावधान है। लेकिन, इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने विरोध किया है। संगठन के अध्यक्ष अमृतलाल मदान के मुताबिक, इस नियम के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि इस नियम से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री खतरे में पड़ जाएगी। AIMTC ने डिमांड की है कि, हिट एंड रन के मामले में नए संशोधन को भारत सरकार वापस ले।
पहले क्या था कानून और अब क्या हुआ बदलाव?
दरअसल, हिट एंड रन मामले में IPC की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें 2 साल की सज़ा का प्रावधान है। लेकिन, अब संशोधन के बाद हिट एंड रन की घटना के बाद अगर कोई आरोपी मौका-ए-वारदात से भाग जाता है, पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना नहीं देता तो उसे 10 साल तक की सज़ा भुगतनी होगी और जुर्माना भी देना होगा।