MAHARASHTRA: महाराष्ट्र जंग का मैदान बन गया है। औरंगजेब (Aurangzeb) के पोस्टर लहराए जाने के बाद से अहमदनगर (Ahmednagar) सुलग रहा था। लेकिन, बुधवार को इस विवाद की आग कोल्हापुर (Kolhapur) तक पहुंच गई। औरंगज़ेब और टीपू सुल्तान के व्हाट्सएप स्टेटस पर विवाद से कोल्हापुर जल उठा। यहां सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। जमकर लाठी-डंडे चले और पत्थरबाजी हुई। हालात को कंट्रोल में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है। लेकिन, तनाव के मद्देनजर इलाके में 19 जून तक धारा 144 लगा दी गई है।
दरअसल, औरंगज़ेब का महिमामंडन करने के खिलाफ हिंदू संगठनों (Hindu Organization) ने मोर्चा खोलते हुए कोल्हापुर में विरोध प्रदर्शन शुरु किया था। हिंदू संगठन विवादित पोस्ट शेयर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
हिन्दू संगठनों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए कोल्हापुर बंद का आह्वाहन किया था। लेकिन, बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। खबरें तो यहां तक आईं कि मुस्लिम पक्ष ने प्रदर्शनकारियों पर पत्थर भी फेंके। जिसके बाद तनाव इतना बढ़ गया कि पुलिस को लाठीचार्ज (Lathicharge) करना पड़ा। लाठीचार्ज की वजह से कई प्रदर्शनकारी ज़ख्मी हो गए।
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कोल्हापुर में हुई हिंसक झड़प के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि, गृह मंत्री और पुलिस के आला अधिकारी हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि, कोई क़ानून को हाथ में लेने की कोशिश न करे। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) भी स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और लोगों से अपील की, कि वो कानून हाथ में ना लें।
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औरंगज़ेब विवाद पर किसने क्या कहा ?
देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम, महाराष्ट्र – महाराष्ट्र के कुछ जिलों में औरंगजेब की औलादें पैदा हुई हैं। वो औरंगजेब की फोटो दिखाते, रखते और स्टेटस लगाते हैं। इस कारण समाज में दुर्भावना और तनाव पैदा हो रहा है। सवाल ये है कि अचानक औरंगजेब की इतनी औलादें कहां से पैदा हो गईं। इसका असली मालिक कौन है वो हम ढूंढेंगे। लोगों से अपील है कि वो कानून अपने हाथ में न लें।
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शरद पवार, प्रमुख, NCP – अगर कोई औरंगजेब की तारीफ में फोटो या पोस्टर लगाता है तो क्या उसके लिए लॉ एंड ऑर्डर पर हमला या हिंसा करने की जरूरत है? सत्ता पक्ष ऐसी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है। कुछ लोग जानबूझकर भेदभाव कर रहे हैं। राज्य में शांति स्थापित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
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औरंगज़ेब पर हंगामा क्यों बरपा और क्या है पूरा विवाद ?
4 जून यानि रविवार को महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक जुलूस निकाला गया था। आरोप है कि ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी AIMIM के नेताओं ने इस जुलूस के दौरान औरंगज़ेब के पोस्टर लहराए और नारेबाज़ी की। इसके बाद सोशल मीडिया में पोस्टर लहराने का वीडियो वायरल हो गया। आरोप ये भी है कि इसके व्हाट्सएप स्टेटस भी लगाए गए। राज्य सरकार ने फौरन एक्शन लेते हुए 4 आरोपियों के ख़िलाफ़ कई धाराओं में केस दर्ज किया। लेकिन, इस घटना के विरोध में दक्षिणपंथी संगठन प्रदर्शन करने लगे। विरोध प्रदर्शन के बाद अहमदनगर में पथराव भी हुआ, जिससे तनाव की स्थिति बन गई। जानकारी के मुताबिक पथराव में 2 लोग घायल हुए जबकि 2 गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। एहतियात के तौर पर इलाके में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई। साथ ही पुलिस ने लोगों से अफ़वाहों से बचने की अपील की।
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इतिहास के पन्नों में दर्ज औरंगज़ेब की क्रूरता
1658 से 1707 तक भारत पर राज करने वाले जिस औरंगज़ेब को लेकर महाराष्ट्र में हिंदू और मुसलमान आमने-सामने आ गए हैं, उसके हाथ मासूमों के खून से रंगे थे। इब्न अक्सरी की किताब अल-तारीख़ के मुताबिक औरंगज़ेब इस्लाम के नाम पर हिंदुओं को कठोर सज़ा देता था। उसने 1658 में हिंदुओं के धर्म परिवर्तन का आदेश दिया था। इस्लाम स्वीकार करने पर राजकोष से 4 रु इनाम के तौर पर देता था। जबकि 1679 में औरंगज़ेब ने हिंदुओं पर जज़िया कर लगाया था। गौर करने वाली बात ये है कि औरंगज़ेब ने मुसलमानों को जज़िया कर से छूट दे रखी थी। जिससे ज़ाहिर होता है कि वो कितना बड़ा कट्टरपंथी और हिंदू विरोधी था।
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हिंदुओं से नफरत करता था औरंगज़ेब
इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि औरंगज़ेब एक क्रूर शासक था। वो हिंदुओं का दमन करने के लिए कुख्यात था। उसने हिंदू मंदिरों और विद्यालयों को गिराने का फरमान सुनाया था। औरंगज़ेब ने काशी-मथुरा समेत देश के 21 सूबों में मंदिरों को तोड़ने का हुक्म दिया था। सोमनाथ और काशी के मंदिरों को भी उसी ने गिरवाया था। लेखक साकी मुस्तइक ख़ान की किताब में इस बात का भी ज़िक्र है कि मंदिरों को तोड़ने के साथ उसने हिंदू त्योहारों पर भी रोक लगा दी थी। औरंगज़ेब ने करीब 50 साल तक भारत में शासन किया। इस दौरान उसने ज़ुल्म की इंतेहा कर दी। हिंदुओं के साथ अन्याय तो किया ही, अपने पिता शाहजहां को भी जेल में डाल दिया।