Tuesday, October 8, 2024
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Jammu Kashmir: कश्मीर घाटी से AFSPA हटाने पर विचार कर रही सरकार! सेना की वापसी का प्लान भी हो रहा है तैयार! जानिए अमित शाह ने इस मुद्दे पर क्या कहा

मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) हटाने पर मंथन कर रही है। यही नहीं खबरों की मानें तो कश्मीर घाटी से सैनिकों की वापसी का प्लान भी तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को कहा कि, ''नरेंद्र मोदी सरकार ने 7 साल का खाका तैयार किया है। इसके तहत केंद्रीय सैन्य बलों को जम्मू-कश्मीर से वापस बुलाया जाएगा। साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस को विशेष रूप से उस क्षेत्र का प्रभारी बना दिया जाएगा। योजना पहले से ही कार्यान्वयन के अधीन है।'' अमित शाह के मुताबिक केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर पुलिस को मजबूत कर रही है ताकि वो आतंकवाद से निपट सके। मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर पुलिस सहायक की भूमिका में केंद्रीय बलों के साथ सभी आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रही है।

कश्मीर से सेना हटाने पर क्या बोले शाह?

AFSPA हटाने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, ''पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों को भरोसा नहीं था। हम जम्मू-कश्मीर पुलिस में गुणात्मक बदलाव लाएं हैं। वो अब सभी अभियानों में सबसे आगे हैं। पहले सेना और केंद्रीय बल ही नेतृत्व कर रहे थे। हम निश्चित रूप से कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर पुलिस को सौंप देंगे।'' अमित शाह ने ये भी घोषणा की कि, जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के साथ केंद्र सरकार जल्द ही वहां सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के कवरेज की समीक्षा पर विचार करेगी। 

कश्मीर में कब होंगे विधानसभा चुनाव?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुरूप कश्मीर में विधानसभा चुनाव 30 सितंबर से पहले पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, ''जम्मू-कश्मीर में पूर्ण लोकतंत्र बहाल करना मोदी जी का संसद में दिया गया आश्वासन है। इसे पूरा किया जाएगा।'' शाह ने कहा कि, ''अनुच्छेद 370 का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में भाजपा को तुरंत राजनीतिक रूप से मजबूत करना नहीं था। हम धैर्यपूर्वक जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच अपनी जगह बनाएंगे और वहां अपना संगठन बनाएंगे। हमारा उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनें और तीन दलों तक सीमित वंशवादी शासन को खारिज कर दें।'' केंद्रीय गृहमंत्री ने ये भी कहा कि पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले सभी लोगों को इस चुनाव में करारा जवाब मिलेगा।

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